विश्व कप फ़ाइनल में पहुंची दिव्या , कैंडिडैट में जगह बनाकर बनाया इतिहास !!
भारत की दिव्या देशमुख नें इतिहास रच दिया है , मात्र 19 वर्ष की इस खिलाड़ी नें ना सिर्फ विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया है और ऐसा करने वाली वह पहली और सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गयी है साथ ही फीडे कैंडिडैट में भी पहुँचने वाली वह सबसे कम उम्र की भारतीय खिलाड़ी बन गयी है । कल रात खेले गए एक रोमांचक मुक़ाबले में दिव्या और चीन की तान ज़्होंगयी के बीच अंततः कई बार आए उतार चढ़ाव के बाद 101 चालों में दिव्या नें इस इतिहासिक बाजी को अपने नाम कर लिया । इसके साथ ही दिव्या नें ना सिर्फ अपना पहला ग्रांड मास्टर नार्म हासिल किया है बल्कि फ़ाइनल जीतकर वह सीधे ग्रांड मास्टर भी बन सकती है । हालांकि दिव्या के साथ फाइनल कौन खेलेगा यह आज के टाईब्रेक से तय होगा , कल भारत की शीर्ष महिला खिलाड़ी कोनेरु हम्पी जीत के बेहद करीब जाकर चूक गयी और चीन की लेई टिंगजे के खिलाफ उनकी बाजी ड्रॉ रही , देखते है आज कौन जीतकर फ़ाइनल में जगह बनाएगा ? तब तक आप दिव्या की इस इतिहासिक उपलब्धि का आनंद लीजिये ! तस्वीरे : Anna Shtourman / Fide
दिव्या देशमुख नें रचा इतिहास विश्व कप फ़ाइनल में पहुँचने वाली पहली खिलाड़ी बनी , फीडे कैंडिडैट में भी बनाई जगह
बातुमी , जॉर्जिया। भारत की युवा इंटरनेशनल मास्टर दिव्या देशमुख ने इतिहास रचते हुए फीडे महिला विश्व कप 2025 के फ़ाइनल में जगह बना ली है , दिव्या नें सेमी फाइनल के दूसरे क्लासिकल मुक़ाबले में चीन की पूर्व विश्व चैम्पियन और विश्व नंबर तान ज़्होंगाई को पराजित करते हुए फाइनल में तो प्रवेश किया ही साथ ही उन्होने अगले वर्ष होने वाले फीडे कैंडिडैट के लिए भी पात्रता हासिल कर ली है और ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी बन गयी है । 19 वर्षीय दिव्या नें पिछले साल ही विश्व जूनियर चैम्पियन बनने का कारनामा किया था और विश्व शतरंज ओलंपियाड में टीम और व्यक्तिगत दोनों वर्गो में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था ।
सफ़ेद मोहरो से खेलेते हुए दिव्या नें सिसिलियन ओपेनिंग में एक अच्छी स्थिति हासिल कर ली थी पर खेल की 31वीं चाल में भारी भूल के चलते वह हार की कगार पर पहुँच गयी थी पर तान समय के दबाव में अपने वजीर को क़ुरबान कर जीतने की चाल नहीं देख पायी और उसके बाद दिव्या नें खेल में वापसी करते हुए अपने खेल जीवन की सबसे बड़ी सबसे खास जीत दर्ज की । और एक नया इतिहास बना दिया ।
हालांकि यह खेल कई बार जीत से ड्रॉ की तरफ गया और कारण था दोनों खिलाड़ी दबाव में कई बार गलतियाँ कर रहे थे और ऐसे में खेल कई बार ड्रॉ के करीब जा रहा था , तान नें अंत तक हार नहीं मानी थी और दिव्या लगातार कोशिश कर रही थी ऐसे में 101 चाल तक चला यह मुक़ाबला हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया ।
अब दिव्या का सामना फ़ाइनल में उनका सामना कोनेरु हम्पी और लेई टिंगजे की विजेता खिलाड़ी से होगा । कल खेली गयी बाजी में कोनेरु हम्पी और चीन की लेई टिंगजे के बीच परिणाम नहीं निकला और अब दोनों कल टाईब्रेक मुक़ाबले खेलेंगी । स्लाव एक्स्चेंज ओपनिंग में हुए मुक़ाबले में कोनेरु हम्पी नें हाथी और प्यादो के एंडगेम में लेई पर दबाव डालने की भरपूर कोशिश की और एक बेहतरीन एंडगेम खेलते हुए बराबर की स्थिति से मैच को जीत की तरफ लेकर गयी पर अंत में हाथी से राजा का रास्ता बंद करने की एक आखिरी चाल चलने में वह चूक गयी और लेई को खेल बचाने का अवसर मिल गया ।
यह एक बेहतरीन खेल का अपेक्षित परिणाम तो नहीं था पर यही खेल का रोमांच है , हम्पी को अब अपने विश्व रैपिड के रुतबे को कल रैपिड टाईब्रेक में साबित करते हुए एक बार फिर से फ़ाइनल में प्रवेश करने का मौका मिलेगा ,हालांकि लेई भी कमजोर खिलाड़ी नहीं है और पलटवार कर सकती है ।
आज भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजे से हम्पी और लेई के बीच टाईब्रेक मुक़ाबला खेला जाएगा ।